प्रजापति और उनकी पुत्री के विवाह की समीक्षा
लेखक - यशपाल आर्य जैसा कि आप सभी को विदित है कि amu द्वारा महापुरुषों पर रेपिस्ट होने का दोषारोपण किया गया था। जिसमें तीन उदाहरण दिए गए थे, जिनका हमने खंडन पूर्व के दो लेखों में किया तथा amu द्वारा महापुरुषों पर रेप के आरोप के खंडन में यह तीसरा व अंतिम लेख है। इस लेख में हम प्रजापति का उनकी पुत्री से विवाह की समीक्षा करेंगे। यह कथा हमें मत्स्य पुराण, सरस्वती पुराण में मिलती है व इसका भविष्य पुराण में भी संकेत मिलता है। कथा को हम मत्स्य पुराण से दे रहे हैं, आप यहां पढ़ सकते हैं- भविष्य पुराण में इस प्रकार कहा है- भविष्य पुराण प्रतिसर्ग पर्व खंड ४ अध्याय १८ यहां भविष्य पुराण में इस प्रकार कहा है कि ब्रह्मा आदि का अपने बहन आदि से शादी करना वेदमय वाक्य है। इसी से इस संपूर्ण कथा का खंडन हो जाता है, क्योंकि वेद में कन्या को दुहिता कहा है। दुहिता का अर्थ करते हुए भगवान् यास्क लिखते हैं- दुहिता दुर्हिता। दूरे हिता। (निरुक्त ३|४) अर्थात् कन्या का 'दुहिता' नाम इस कारण से है कि इसका विवाह दूर गोत्र और देश में होने से हितकारी होता है, निकट करने में नहीं। इसी प्रकार वेदों के प्रकांड विद्व