क्या भगवान राम के जन्म से पूर्व महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण लिखा
लेखक - यशपाल आर्य
कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि महर्षि वाल्मीकि जी ने श्री राम के जन्म से पूर्व ही रामायण लिख दिया था, आज हम जानेंगे कि इस बात में कितनी सच्चाई है
तो आइए विषय को प्रारंभ करते हैं, यदि ऐसा माना जाए कि श्री राम के जन्म से पूर्व ही रामायण लिख गया तो ऐसा मानना पड़ेगा कि सब कुछ पूर्व निर्धारित होता है। जीव कर्म करने में स्वतंत्र है किंतु फल पाने में परतंत्र है। कर्म करने में स्वतंत्र होने से उसके कार्यों का वर्णन उसके करने से पूर्व नहीं किया जा सकता किंतु हां, जो चीज नियत समय के पश्चात आता है वा नियत नियम में बंधा होता है उसी के अनुरूप ही चलता है, उसी का सत्य सत्य पूर्वानुमान हो सकता है, जैसे सूर्योदय, सूर्यास्त होना आदि।
अब हम वाल्मीकि रामायण से देखते हैं
नारद जी से वाल्मीकि जी अनेक धर्मानुकूल गुणों से युक्त मनुष्य की पता पूछते हैं तो नारद जी उन्हें श्री राम के विषय में बताते हैं। यहां पर वाल्मीकि जी वर्तमान काल की बात पूछते हैं, तब नारद जी उन्हें श्री राम जी का जन्म से उस काल पर्यंत का इतिहास बताते हैं जैसा कि वाल्मीकि रामायण बालकांड के प्रथम सर्ग से स्पष्ट है।
इसके पश्चात ही वाल्मीकि जी रामायण की रचना करते हैं, इससे सिद्ध होता है कि श्री राम के जन्म से पूर्व रामायण की रचना वाली बात मिथ्या है।
बालकांड सर्ग ३ में महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा रामायण रचने का वर्णन है।
श्लोक संख्या 6 देखिए, यहां स्पष्ट है कि महर्षि वाल्मीकि ने पूर्वकाल में घटी घटनाओं को समाधि अवस्था में जाना।
चतुर्थ सर्ग के प्रथम श्लोक देखिए यहां स्पष्ट रूप से लिखा है कि श्री राम जी के राजा बनने के पश्चात ही वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना की।
इन सबसे स्पष्ट है कि रामायण श्री राम जी के जन्म के बाद लिखी गई थी, न कि जन्म से पूर्व
योगदर्शन के अनुसार योगी भूत काल की बातों को जान सकता है
योगदर्शन विभूतिपाद सूत्र १६ |
प्रश्न - कोई योगी समाधि अवस्था को वर्तमान या भूत की चीजों को कैसे देखता था?
उत्तर - जैसे हमारा कंप्यूटर केवल binary number system को ही समझता है। Binary में अगर amplitude 5 nanometre से अधिक है तो उसको 1 और कम होने पर 0 मानते हैं। इसी में कंप्यूटर डेटा store व process करता है। जो हमें output प्राप्त होता है वह भी binary का ही परिणाम है। इसी प्रकार यह ब्रह्माण्ड रश्मियों से मिल कर बना है। रश्मि अर्थात् सूक्ष्म कंपन, जिन्हें हम अभी तक की बनी किसी टेक्नोलॉजी से डिटेक्ट नहीं कर सकते। और सभी शब्द नित्य होते हैं, ऐतिहासिक शब्द भी परा वा पश्यन्ती रूप में ब्रह्मांड में विद्यमान रहते हैं। उच्च कोटि का ऋषि इन शब्दों को ग्रहण कर के इन्हें अपने समाधि अवस्था में process कर के इनके द्वारा भूत काल में हुई घटनाओं को देख सकता है। इस प्रकार योगी समाधि अवस्था में इतिहास को जान सकता है।
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वाह बहुत सुंदर
ReplyDeleteसत्य कहा आपने लोग अफवाह पर ज्यादा ध्यान देते हैं खुद पढ़ने के बजाए
ReplyDeleteआप का लिखना बिल्कुल सत्य हैं
ReplyDeleteझूठ का प्रचार कभी नहीं करना चाहिए
आपने सही जानकारी दी है आपका धन्यवाद🙏😌
ReplyDeleteJai shri ram
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