सत्यार्थ प्रकाशान्तर्गत वंशावली में त्रुटि विषयक भ्रांति का निवारण
।। ओ३म् ।। लेखक - राज आर्य नमस्ते जी इस लेख में आपको न केवल एक समीक्षा प्राप्त होगी, बल्कि आज आपको हम मुहम्मद घोरी और महमूद गजनवी का काफी इतिहास भी जनावेंगे, क्योंकि जो जैसा है उसे वैसा ही बतलाना सत्य कहलाता है। इस संशय की निवृति तभी हो सकती है जब हम इतिहास सागर में गंभीरता से उतरेंगे और सत्य को जानने की ओर उन्मुख होंगे। अस्तु! पूर्वपक्ष के आक्षेप क्या हैं इसे जानने में यह दो चित्र संलग्न हैं, इसे देखें- समीक्षक - [पाठकगणों! पूर्वपक्ष के फर्जी दावों का समीचीन समीक्षा करना हमारा मुख्योद्देश्य है, इसी हेतु से हमने इनके पहचान आदि जानकारियों को छिपा दिया है । लेख में यथास्थान हम इन्हें "गुडलक मिश्र" से संबोधित करेंगे ] तो जैसे कि यहां पूर्वपक्षी महोदय सत्यार्थ प्रकाश ग्रंथ में भारी भरकम गलती साबित कर रहे हैं। इनके इन भ्रांतियों का मूलोच्छेद आरंभ करते है । पाठकवृंद! पूर्वपक्ष महाशय की सत्यार्थ प्रकाश में महर्षि दयानंद सरस्वती की गणितीय त्रुटियां निकालने के अर्थ/अभियान में लेखनी आरंभ से ही लड़खड़ाती हुई दिख पड़ती है। य