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Showing posts from February, 2022

विवाह के समय कितनी थी भगवान् राम व माता सीता की आयु? कितना अन्तर था? वाल्मीकि रामायण का वह दुर्लभ प्रमाण जो आपसे छुपाया गया

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लेखक - यशपाल आर्य पेरियार अपनी सच्ची रामायण में लिखता है कि माता सीता की आयु भगवान् श्रीराम से अधिक थी। इस कथन से स्पष्ट है कि पेरियार ने रामायण का दर्शन भी नहीं किया है, अगर किए होते हो ऐसे न लिखते। अब हम वाल्मीकि रामायण से इसका खंडन करते हैं- वाल्मीकि रामायण में जब रावण छद्म वेश में आ कर सीता जी से परिचय पूछता है तो उसमें सीता जी परिचय बताते हुए कहती हैं कि वन गमन के समय भगवान् राम की आयु 25 वर्ष से ऊपर थी तथा मेरी (माता सीता की) आयु लगभग 18 वर्ष थी। अरण्यकाण्ड सर्ग ४७ इस प्रमाण से आप पता कर सकते हैं कि पेरियार ने कितना अध्ययन किया है। माता सीता व भगवान् श्रीराम की विवाह के समय क्या थी आयु इसी सर्ग के दो श्लोक जो गलत हैं, उन्हें ही लोगों सही मान लिया जिसके कारण उन्हें भगवान् राम व माता सीता की आयु के विषय में लोगों को भ्रांतियां होने लगीं और लोग माता सीता का बालविवाह मानने लगे। इस भ्रान्ति में फंसे लोगों के अनुसार विवाह के समय श्री राम की आयु 14 व माता सीता की आयु 6 वर्ष थी । वे मिलावटी श्लोक इस प्रकार हैं - अरण्यकाण्ड सर्ग ४७ इसी प्रकार एक श्लोक सुंदरकांड में भी है, जहां सीता जी हनु

क्या महाराज दशरथ जी शिकार खेलते थे

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लेखक - यशपाल आर्य कुछ लोग आक्षेप करते हैं कि महाराज दशरथ शिकार खेलते थे, अकारण पशुओं का वध करते थे और मुनिकुमार को उन्होंने मृग समझ कर मार दिया था। इस लेख में हम उनके मत की समीक्षा करेंगे। यह कथा थोड़े पाठभेद के साथ पश्चिमोत्तर व बंगाल संस्करण में भी आई है, शब्दों का अंतर अवश्य है किंतु भाव वही है। वाल्मीकि रामायण में इस प्रकार है जब दशरथ जी अपने अंतिम समय में होते हैं तो वे इस घटना को कौशल्या जी से बताते हैं। इस विषय को हम यहां संक्षेप से लिख रहे हैं, कथा इस प्रकार है कि दशरथ जी राजकुमार ही होते हैं, उनका विवाह भी नहीं हुआ होता है। वे शब्दभेदी बाण चलाने में कुशल धनुर्धर होते हैं। एक बार वर्षा ऋतु में वे सरयू नदी के तट पर धनुर्वेद का अभ्यास करने के लिए जाते हैं। वे सोचते हैं कि कोई मदमत्त हाथी, बाघ आदि आएगा तो उसका वध करूंगा (जिससे प्रजा की रक्षा हो सके, अन्यथा हिंसक पशु प्रजा को कष्ट देंगे)। उस समय अंधकार था और वहां उन्हें नदी से आवाज आई, वह आवाज ऐसा लग रहा था मानो हाथी अपने सूंड से जल खींच रहा हो, तो उन्होंने शब्द की दिशा में शब्द का अनुमान कर के अपना बाण चला दिया, वह बाण मुनिकुमार क