क्या माता सीता की उत्पत्ति धरती से हुई थी?
लेखक - यशपाल आर्य माता सीता जी के विषय में आज समाज में एक भ्रांति है कि उनकी उत्पत्ति पृथ्वी से हुई थी। यह बात वाल्मीकि रामायण बालकांड सर्ग 66 के श्लोक 13 व 14 में भी आई है। वहां इस प्रकार है कि जनक जी हल से यज्ञ के लिए जमीन को समतल कर रहे थे तो उन्हें पृथ्वी में पृथ्वी से उत्पन्न एक कन्या मिली। अब इसपर विचार करते हैं कि क्या यह बात मौलिक है या प्रक्षिप्त है। विचार करने पर दो मुख्य बिंदु उपस्थित होते हैं - १. जनक जी राजा थे तो भूमि वे क्यों समतल करेंगे अपितु भूमि तो समतल उनके सेवकगण करेंगे। २. यदि जमीन से आदि सृष्टि के बाद भी मनुष्योत्पत्ति होती है आज भी होनी चाहिए थी और उस काल में भी अनेक लोग धरती से उत्पन्न होते लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखता। तो इन दो बिंदुओं पर गंभीरता पूर्वक विचार करने से यह पता चलता है कि सीता जी के जन्म की जो कथा यहां है व समाज में भी प्रचलित है वह मिथ्या है। अब कुछ लोग द्वितीय बिंदु पर आक्षेप लगाना शुरू करेंगे कि आदि सृष्टि में मनुष्य की उत्पत्ति धरती से कैसे हो सकती है। वे लोग evolution से मनुष्य की उत्पत्ति मानते हैं, यहां विषय न होने के कारण हम theory of evolution