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क्या भगवान राम के जन्म से पूर्व महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण लिखा

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लेखक - यशपाल आर्य कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि महर्षि वाल्मीकि जी ने श्री राम के जन्म से पूर्व ही रामायण लिख दिया था, आज हम जानेंगे कि इस बात में कितनी सच्चाई है तो आइए विषय को प्रारंभ करते हैं, यदि ऐसा माना जाए कि श्री राम के जन्म से पूर्व ही रामायण लिख गया तो ऐसा मानना पड़ेगा कि सब कुछ पूर्व निर्धारित होता है। जीव कर्म करने में स्वतंत्र है किंतु फल पाने में परतंत्र है। कर्म करने में स्वतंत्र होने से उसके कार्यों का वर्णन उसके करने से पूर्व नहीं किया जा सकता किंतु हां, जो चीज नियत समय के पश्चात आता है वा नियत नियम में बंधा होता है उसी के अनुरूप ही चलता है, उसी का सत्य सत्य पूर्वानुमान हो सकता है, जैसे सूर्योदय, सूर्यास्त होना आदि। अब हम वाल्मीकि रामायण से देखते हैं नारद जी से वाल्मीकि जी अनेक धर्मानुकूल गुणों से युक्त मनुष्य की पता पूछते हैं तो नारद जी उन्हें श्री राम के विषय में बताते हैं। यहां पर वाल्मीकि जी वर्तमान काल की बात पूछते हैं, तब नारद जी उन्हें श्री राम जी का जन्म से उस काल पर्यंत का इतिहास बताते हैं जैसा कि वाल्मीकि रामायण बालकांड के प्रथम सर्ग से स्पष्ट है। इसके पश्चात ही व

योगेश्वर भगवान् श्री राम

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लेखक - यशपाल आर्य हम लेख को एक वेद मंत्र से शुरू करना चाहते हैं इन्द्र॑वायूऽइ॒मे सु॒ताऽउप॒ प्रयो॑भि॒राग॑तम्। इन्द॑वो वामु॒शन्ति॒ हि। उ॒प॒या॒मगृ॑हीतोऽसि वा॒यव॑ऽइन्द्रवा॒युभ्यां॑ त्वै॒ष ते॒ योनिः॑ स॒जोषो॑भ्यां त्वा॥ (यजुर्वेद 7.8) अर्थात् वे ही लोग पूर्ण योगी और सिद्ध हो सकते हैं जो कि योगविद्याभ्यास करके ईश्वर से लेके पृथिवी पर्य्यन्त पदार्थों को साक्षात् करने का यत्न किया करते और यम, नियम आदि साधनों से युक्त योग में रम रहे हैं और जो इन सिद्धों का सेवन करते हैं, वे भी इस योगसिद्धि को प्राप्त होते हैं, अन्य नहीं॥ भगवान श्री कृष्ण जी पर बोबदेव ने झूठे आरोप लगाए उसका महर्षि दयानंद जी ने खंडन किया और कृष्ण जी को आजीवन धर्म का पालन करने वाला आप्त अर्थात् साक्षात्कृत्धर्मा महायोगी कहा। किंतु आज कुछ लोग भगवान श्री कृष्ण और श्री राम को योगी नहीं मानते, यदि आज ऋषि दयानंद जी होते तो ऐसे लोगों का खंडन सर्वप्रथम करते। चलिए कोई बात नहीं, हमारे ऋषि दयानंद जी का दिया हुआ ज्ञान और उनके द्वारा संकेत की गई आर्ष दृष्टि से हम देखेंगे कि श्री राम जी योगी थे वा नहीं। यदि आप श्री कृष्ण जी को योगी सिद्ध करने व