कौन कहता है भगवान् श्रीराम ने छुपकर वाली का वध किया
लेखक - यशपाल आर्य अनेक लोग यह कहते हैं कि भगवान् राम कायरों की भांति छुप कर वाली का वध किया, जो वीर होते तो छुप कर वध क्यों करते? वस्तुतः ऐसे आक्षेप लगाने वाले रामायण को न तो गंभीरता पूर्वक पढ़ते हैं और न ही पढ़कर उन श्लोकों पर तर्क से विचार करते हैं। वाली वध का सत्य जानने हेतु हम इस प्रसंग पर विचार करते हैं। जब सुग्रीव भगवान् राम के समक्ष वाली के पराक्रम का वर्णन करते हैं तो वे कहते हैं- एतदस्यासमं वीर्ये मया राम प्रकाशितम्। कथं तं वालिनं हन्तुं समरे शक्ष्यसे नृप।। [वाल्मीकि रामायण किष्किंधा कांड सर्ग ११ श्लो. ६८, गीता प्रेस] अर्थात् श्रीराम! मैंने वाली के अनुपम पराक्रम को प्रकाशित किया है। नरेश्वर! आप उस वाली को संग्राम में कैसे मार सकेंगे? अब हम अन्य संस्करणों से भी इस श्लोक को देखते हैं- (दाक्षिणात्य पाठ किष्किंधा कांड सर्ग ११ श्लोक ७०) (पश्चिमोत्तर पाठ किष्किंधा कांड सर्ग ८ श्लोक ४४) (बंगाल पाठ किष्किंधा कांड, सर्ग ९ श्लोक ९०) (Critical edition किष्किंधा कांड सर्ग ११ श्लोक ४८) यहां सुग्रीव ने स्पष्ट रूप से यह प्रश्न पूछा कि आप युद्ध में उसे कैसे मारेंगे? इसी प्रकार आगे सुग्रीव भगव