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Showing posts from July, 2022

क्या अर्जुन सुभद्रा तथा कृष्ण रुक्मणि भाई बहन लगते थे?

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लेखक - यशपाल आर्य कुछ लोग यह आक्षेप लगाते हैं कि सनातन धर्म में निकट संबंधों में विवाह होता था। वे लोग ऐसा आक्षेप करते हैं कि अर्जुन ने सुभद्रा से विवाह किया और सुभद्रा तो कृष्ण जी की बहन थी और और कृष्ण जी के पिता का नाम वसुदेव था, वसुदेव जी के पिता का नाम शूरसेन था और कुंती भी उन्हीं की पुत्री थी जिसे उन्होंने राजा कुंतीभोज को दे दिया और अर्जुन का कुंती पुत्र होने से अर्जुन और सुभद्रा भाई बहन सिद्ध हुए। हम आज इसी आक्षेप का निवारण करेंगे तथा कुछ लोग रुक्मणि और कृष्ण को भी भाई बहन मानते हैं उनका भी भ्रांति निवारण करेंगे। सबसे पहले हम सुभद्राहरण प्रसंग पर थोड़ा संक्षेप से देखते हैं- एक बार रैवतक पर्वत पर वृष्णि व अंधक वंश के लोग एक उत्सव करते हैं। उसमें द्वारका के सैकड़ों हजारों मनुष्य अपनी स्त्रियों व सेवकों सहित पैदल वा छोटी बड़ी सवारियों से आकर सम्मिलित हुए। जिसमें भगवान् श्री कृष्ण जी भी अर्जुन के साथ घूम रहे थे- चित्रकौतूहले तस्मिन् वर्तमाने महाद्भुते। वासुदेवश्च पार्थश्च सहितौ परिजग्मतुः॥१३।। उस अत्यन्त अद्भुत विचित्र कौतूहलपूर्ण उत्सव में भगवान् श्रीकृष्ण और अर्जुन एक साथ घूम रहे

कौन कहता है रामायण में मांसाहार है?

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लेखक - यशपाल आर्य आपने देखा होगा कि कुछ लोग रामायण में मांसाहार का दोष लगाते हैं और यह कहते हैं कि आर्य लोग मांस भक्षण करते थे, भगवान् राम तो मांसाहारी थे। आज हम इस लेख में इसी मत की समीक्षा करेंगे और जानेंगे कि ऐसे आरोप लगाने वाले लोगों को संस्कृत व रामायण का ज्ञान कितना है। प्रथम आक्षेप- जब भगवान् राम वनगमन की सूचना कौशल्या जी को दे रहे होते हैं तो वे कौशल्या जी से इस प्रकार कहते हैं- वा. रा. अयो.  का.स. २० इसके अनुवादक द्वारकाप्रसाद शर्मा हैं। अब अनुवादक की शास्त्र ज्ञान शून्यता के कारण पूर्वपक्षी इसपर आक्षेप लगाता है कि राम जी कह रहे हैं कि मैं मांसादि को छोड़ कर कंद मूल आदि का भोजन करूंगा, अर्थात् अर्थापत्ति प्रमाण से यह सिद्ध होता है कि राम जी अयोध्या के राजमहल में मांस भक्षण करते थे। समीक्षा - यहां संस्कृत में आमिषम् शब्द आया है, जिसका गलत अर्थ कर के रामायण में मांसाहार मान लिया गया है। वस्तुतः आमिषम् का अर्थ मांस भी होता है किंतु मन को प्रिय लगने वाले आदि अर्थ भी होते हैं। देखें आप्टे कोश- बिना प्रसंग को देखे मांसाहार का अर्थ मानना रामायण के साथ आपकी मनमानी मात्र है। जब भगवान्