रामायण में अश्लीलता की समीक्षा
लेखक - यशपाल आर्य अक्सर आपने कुछ कथित बुद्धिजीवी लोगों को यह आक्षेप लगाते सुना होगा कि रामायण में अनेक अश्लील बातें लिखी हुई हैं। इन्हीं प्रसंगों को लेकर वे लोग रामायण का बहुत उपहास करते हैं। इन प्रसंगों पर रामभक्त मौन हो जाते हैं वा शर्म से उनका मस्तक झुक जाता है। हमारी दृष्टि में किसी विद्वान ने इन आक्षेपों का प्रमाण सहित खंडन नहीं किया है, एतदर्थ इस लेख में हम इन आक्षेपों का खंडन करेंगे। इस लेख को पढ़ने के बाद कोई भी विधर्मी रामायण पर अश्लीलता का आक्षेप नहीं लगा सकता, अतः लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। प्रथम आक्षेप- रामायण अरण्यकाण्ड के 46वें सर्ग में माता सीता के लिए गलत शब्दों का प्रयोग किया गया है। वहां सीता जी के स्तनों आदि की बात की गई है, देखें प्रमाण- अरण्य काण्ड सर्ग ४६ महर्षि वाल्मीकि को इन सबका कैसे पता चल गया? उत्तर - जरा वह प्रकरण देखें यहां रावण सन्यासी वेश में आ कर ऐसा बोल रहा है। वहां रावण सन्यासी रूप में आया है, अभी तक उसने अपने वास्तविक स्वरूप को देवी सीता जी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया और सन्यासी वेश में ही सीता जी से ऐसा बोल रहा है। यदि रावण को ऐसी बातें शुरू में ही ब