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Showing posts from October, 2021

कौन कहता है पुनर्जन्म मिथ्या है

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लेखक - यशपाल आर्य आपने अक्सर कुछ लोगों को कहते सुना होगा कि वैदिक लोगों लो प्रारंभ में मृत्यु के बाद के विषय में जानकारी नही थी या  कुछ लोग कहते हैं कि पुनर्जन्म गलत है, आदि आदि, इस पोस्ट में हम दोनों दावों कि समीक्षा करते हैं और सत्य जानने का प्रयत्न करते हैं तो आइये विषय को प्रारंभ करते हैं सर्वप्रथम हम तर्क से तर्क से जानने का प्रयास करते हैं कि क्या पुनर्जन्म संभव है ऋग्वेद १|१६४|२०, श्वेताश्वतर उपनिषद् ४|५ का प्रमाण है कि ईश्वर, जीव तथा प्रकृति तीनों नित्य हैं द्वा सु॑प॒र्णा स॒युजा॒ सखा॑या समा॒नं वृ॒क्षं परि॑ षस्वजाते। तयो॑र॒न्यः पिप्प॑लं स्वा॒द्वत्त्यन॑श्नन्न॒न्यो अ॒भि चा॑कशीति ॥ ऋग्वेद १|१६४|२० अन्वय: हे मनुष्या यौ सुपर्णा सयुजा सखाया द्वा जीवेशौ समानं वृक्षं परिषस्वजाते तयोरन्यः पिप्पलं स्वाद्वत्ति। अन्योऽनश्नन्नभिचाकशीतीति यूयं वित्त॥ पदार्थान्वयभाषाः - (द्वा) द्वौ। अत्र सर्वत्र सुपां सुलुगित्याकारादेशः। (सुपर्णा) शोभनानि पर्णानि गमनागमनादीनि कर्म्माणि वा ययोस्तौ (सयुजा) यौ समानसम्बन्धौ व्याप्यव्यापकभावेन सहैव युक्तौ वा तौ (सखाया) मित्रवद्वर्त्तमानौ (समानम्) एकम् (वृक्षम्) यो

भगवान् श्री राम के द्वारा शिवलिंग पूजा करने की सच्चाई

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लेखक - यशपाल आर्य मित्रों, हम लोग TV सीरियल्स में यह देखते हैं कि रामसेतु बनाने के समय मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्री राम शिवलिंग बना कर उसकी पूजा करते हैं किंतु उसकी सत्यता क्या है आइए हम वाल्मीकि रामायण के प्रमाण के आधार पर जानने का प्रयास करते हैं जब श्रीराम लंका से अयोध्या आते हैं तो उस समय महर्षि वाल्मीकि लिखते हैं वाल्मीकि रामायण, युद्धकांड, सर्ग १२३ महादेव शब्द से परमात्मा का भी ग्रहण होता है। ‘महत्’ शब्द पूर्वक ‘देव’ शब्द से ‘महादेव’ शब्द सिद्ध होता है। ‘यो महतां देवः स महादेवः’ जो महान् देवों का देव अर्थात् विद्वानों का भी विद्वान् है, और सूर्यादि पदार्थों का प्रकाशक है, इसलिये उस परमात्मा का नाम ‘महादेव’ है। और महादेव शिव नाम के एक महापुरुष भी हुए थे, जो कैलाश के निवासी व राजा थे। वेदों से महादेव नाम देख कर महायोगी शिव जी ने भी अपना नाम महादेव रख लिया, महर्षि मनु जी मनुस्मृति में कहते हैं कि मनुष्यों ने सब नाम वेद से ही सीखा। यहां महादेव से ग्रहण किसका होगा यह प्रकरण अनुकूल देखना होगा। यहां संस्कृत में विभु शब्द आया है, विभु का अर्थ सर्वव्यापक होता है। अतः  यहांं सर्वव्या