Posts

Showing posts from June, 2021

शास्त्रों की मिलावट की पहचान के उपाय एवं सावधानी

Image
वर्तमान में जो महर्षि दयानंद जी का जो शास्त्रीय चिंतन है वह पूर्ण (पूर्ण तो ईश्वर होता है, ईश्वर के पश्चात पूर्ण यहां पर समझना चाहिए) है, वही हमारा मार्गदर्शक है उससे बड़ा मार्गदर्शक इस समय कोई नहीं है, इस बात को हमें याद रखना चाहिए। हमें शास्त्रों की मिलावट की पहचान एवं मिलावट की पहचान करते समय निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना चाहिए 1. जो भाग मिलावटी लगता है उसको हटा कर देखें (मन से निकाल कर देखें, न कि ग्रंथ से) कि कहीं इससे ग्रंथ का विषय, क्रम भंग तो नहीं न हो रहा है। अगर विषय, क्रम भंग हो रहा है तो इसका मतलब वह मिलावट नहीं है। 2. जिस प्रसंग को हम मिलावट मान रहे हैं, उस मिलावट का उस ग्रंथ में कोई और प्रकरण आए हों, उससे कोई संबंध तो नहीं न है।यदि है, तो हमसे समझने में भूल हो रही है, वह मिलावट नहीं है। 3. कोई शब्द जो हमें मिलावट प्रतीत हो रहा है तो, उसका हम उसी ग्रंथ में वा किसी अन्य ग्रंथ में अर्थ देखें, कोई और भी तो अर्थ नहीं न होता है, उस शब्द का।  4. जिस प्रकरण को हम मिलावट मान रहे हैं, उसको देखें वह क्या है। कोई सामान्य विद्वान मिलावट नहीं कर सकता, मिलावट तो वही कर सकता है जो व